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Real वैध ( तबीब)

 



            नजरी नजर निहाल जिंदा गुरु पीर हैं।
     हरे हां रे कहता दास गरीब तबीब कबीर है।।

        ‌‌ ‌  Real  तबीब (वैद्य)

तबीब शब्द "अरबी "भाषा का शब्द है जिसका अर्थ वैध , चिकित्सक होता है

संपूर्ण वैध सभी प्रकार की असाध्य से असाध्य बीमारियों का इलाज पूर्ण इलाज कर देता है क्योंकि

 पूर्ण तबीब को बीमारी के कारणों और निदान के बारे में पूरी जानकारी होती है कि रोगी को क्या रोग है कौन सी दवा कब और कैसे देनी है 

 गरीब दास जी कहते हैं:-

    

हरदम खोज हनोज हाजिर त्रिवेणी के तीर है ।

   दास गरीब तबीब सतगुरु बंदी छोड़ कबीर है।।

वर्तमान समय में आध्यात्मिक मार्ग के पूर्ण तबीब है कबीर साहेब के अवतार ‌बाखबर संत रामपाल जी महाराज जो मोक्ष मार्ग में आने वाली सभी बीमारियों का सफलता- पूर्वक इलाज कर रहे हैैं

यहां काल लोक में जीव को सबसे बड़ा रोग जन्म मरण का लगा है जिस कारण असंख्य युगो युगो से इस रोग से कष्ट भोग रहा है । कबीर साहिब जी कहते हैं :-

योह हरहट का कुआं लोई,

              या गल बंध्या है सब कोई ।

कीड़ी कुंजर और अवतारा ,

              हरहट डोरी बंधे कई बारा।।

संत रामपाल जी महाराज पूर्ण सतगुरु है जो साधक को मोक्ष ,(तारक मंत्र) जो भवसागर से पार उतारने वाला मंत्र है प्रधान करते हैं जिससे साधक का जन्म मरण का रोग सदा सदा के लिए समाप्त हो जाता है ।और वह जीव अपने निज धाम सतलोक में सदा सदा के लिए निवासी हो जाता है और सुखी हो जाता है कबीर साहिब जी कहते हैं--

             पूरा सतगुरु सोए कहावै,

                          ‌‌‌‌‌‌‌जो दो अक्षर का भेद बतावै।

 एक छुडावै,एक लखावै,

       ‌‌ ‌‌‌‌                   ‌‌तो  प्राणी निज घर जावै।।

 

कबीर, आगे गए न बावड़े रहते भी सब जा ।

बिन साहेब की बन्दगी कहीं ठौर ठिकाना ना।।

         मानव देहि में जितने भी असाध्य रोग जैसे कैंसर किडनी फेल हार्ट अटैक आदि आदि जो भी इस मानव देह से संबंधित रोग है सभी का इलाज संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए तारक मंत्र के जाप से स्वयं ही हो जाता है और साधक को मृत्यु के मुंह से भी छुड़ाकर ले आता है ऐसा मंत्र है संत रामपाल जी महाराज के पास जो इस पूरे ब्रह्मांड में केवल और केवल सिर्फ संत रामपाल जी महाराज के पास ही है और वही इसे देने के अधिकारी हैं नकली गुरु नकली पूजा साधना को छोड़िए और संत रामपाल जी महाराज की शरण में आईये और अपना कल्याण कराएं।


सत साहिब 

 सतगुरु के चरणों का दास 

राजबीर दास 

सतलोक के राही

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