2.भविष्यवक्ताश्री वेजीलेटिन" के अनुसार 20 वी सदी के उत्तरार्द्ध में, विश्व में आपसी प्रेम का अभाव, मानवता का हास, माया संग्रह की दौड़, लूट व राज नेताओं का अन्यायी हो जाना आदि-२ बहुत से उत्पात देखने को मिलेगें। परन्तु भारत से। उत्पन्न हुई नई सभ्यता, संसार में-देश, प्रांत और जाति की सीमायें तोड़कर विश्वभर में अमन व चैन उत्पन्न करेगी।।
3.अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता "जीन डिक्सन" के अनुसार 20 वीं सदी के अंत से पहले विश्व में एक घोर हाहाकार तथा मानवता का संहार होगा। वैचारिक मतभेद के बाद आध्यात्मिकता पर आधारित एक नई सभ्यता सम्भवतः भारत के छोट से गांव के साधारण से परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में जमेगी और संसार से उत्पन्न युद्ध को सदा-सदा के लिए विदा कर देगी।4. हॉलैंड के भविष्यदृष्टा "श्री गेरार्ड क्राइसे" के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिसा, आपसी फूट, दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।
5. अमेरिका के "श्री एण्डरसन" के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वी सदी के प्रथम दशक में विश्व में असभ्यता का नंगा तांडव होगा। इस बीच भारत के एक देहात का एक धार्मिक व्यक्ति, एक मानव, एक भाषा एक झण्डा की रूपरेखा का संविधान बनाकर संसार को सदाचार, उदारता, मानवीय सेवा व प्यार का सबक देगा। यह मसीहा सन् 1999 तक विश्व में आगे आने वाले हजारों वर्षों के लिए धर्म व सुख-शांति भर देगा ।
6. अमेरिका के भविष्वक्ता "श्री चार्ल्स क्लार्क के अनुसार 20 वी सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी, जिसे पूरा विश्व अपना लेगा, । धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी तथा मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
7.हंगरी की महिला ज्योतिषी “बोरिस्का" के अनुसार सन् 2000 ई. में पहले पहले उग्र परिस्थितियों हत्या और लूटमार के बीच ही मानवीय सद्गुणों का विकास एक भारतीय फरिश्ते के द्वारा भौतिकवाद से सफल संघर्ष के फलस्वरूप होगा, जो चिरस्थाई रहेगा, इस आध्यात्मिक व्यक्ति के बड़ी संख्या में छोटे लोग ही अनुयायी बनकर भौतिकवाद को आध्यात्मिकता में बदल देगें।
8. फ्रांस के डॉ. जूलर्वन के अनुसार सन् 1990 के बाद योरोपीय देश भारत की धार्मिक सभ्यता की ओर तेजी से झूकेंगे। सन् 2000 तक विश्व की आवादी 60 करोड़ के आस-पास होगी। भारत से उठी ज्ञान की धार्मिक क्रांति नास्तिकता का नाश करके आँधी तूफान की तरह सम्पूर्ण विश्व को ढक लेगी। उस भारतीय महान इसी आध्यात्मिक व्यक्ति के अनुयाई देखते-देखते एक संस्था के रूप में 'आत्मशक्ति' सें सम्पूर्ण विश्व पर प्रभाव जमा लेंगे।9. फ्रांस के "नास्त्रेदमस" के अनुसार विश्व भर में सैनिक क्रांतियों के बाद थोड़े से ही अच्छे लोग संसार को अच्छा बनाएंगे। जिनका महान् धर्मनिष्ठ विश्वविख्यात कला नेता 20 वीं सदी के अन्त और 21 वीं सदी की शुरूआत में किसी पूर्वी देश से जन्म = लेकर प्रातृवृत्ति व सौजन्यता द्वारा सारे विश्व को एकता के सूत्र में बांध देगा। (नास्त्रेदमस शतक । श्लोक 50 में प्रमाणित कर रहा है) तीन ओर से सागर से घिरे द्वीप में उस महान संत का जन्म होगा। उस समय तत्व ज्ञान के अभाव से अज्ञान अंधेरा होगा। नैतिकता का पतन होकर, हाहाकार मचा होगा। वह शायरन (धार्मिक नेता) गुरुवर अर्थात् गुरुजी को वर (श्रेष्ठ) मान कर अपनी साधना करेगा व करवाएगा। वह धार्मिक नेता (तत्वदर्शी सन्त) अपने धर्म बल अर्थात् भक्ति की शक्ति से तथा तत्वज्ञान द्वारा सर्व राष्ट्रों को नतमस्तक करेगा। एशिया में उसे तथा उस के प्रचार में बाधा करना पागलपन होगा। (शतक 1 श्लोक 50) (सेंचुरी-1,कन्ना-50)
10. इजरायल के प्रो. हरार के अनुसार भारत देश का एक दिव्य महापुरूष मानवतावादी विचारों से सन् 2000 ई. से पहले-पहले आध्यात्मिक क्रांति की जड़े मजबूत कर लेगा व सारे विश्व को उनके विचार सुनने को बाध्य होना पड़ेगा। भारत के अधिकतर राज्यों में राष्ट्रपति शासन होगा, पर बाद में नेतृत्व धर्मनिष्ठ वीर लोगों पर होगा। जो एक धार्मिक संगठन के आश्रित होगें।
1 1. नार्वे के श्री आनन्दाचार्य की भविष्यवाणी के अनुसार, सन् 1998 के बाद एक शक्तिशाली धार्मिक संस्था भारत में प्रकाश में आवेगी, जिसके स्वामी एक /ग्रहस्थ व्यक्ति की आचार संहिता का पालन सम्पूर्ण विश्व करेगा । धीरे-धीरे भारत धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व करेगा और उसका ज्ञान (आध्यात्मिक तत्वज्ञान) ही पूरे विश्व को मान्य होगा।
उपरोक्त भविष्यवाणियों के अनुसार ही आज विश्व में घटनाएँ घट रही हैं। युग परिवर्तन प्रकृति का अटल सिद्धांत है। वैदिक दर्शन के अनुसार चार युगों- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग की व्यवस्था है। जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर मानव रूप में प्रकट होता है।
आइए जानते हैं की वह कौन सा महापुरुष है जिसके बारे में यह सब भविष्यवाणियां खरी उतरती हैं----
जन्म स्थान
-नास्त्रेदमस के अनुसार वह सायरन एक ऐसे देश से होगा जो तीन तरफ से महासागरों से घिरा होगा और उस देश का नाम एक महासागर (हिंद महासागर), हिंदुस्तान यानी भारत के नाम से लिया जाएगा।
- अमेरिकी की महान भविष्यवक्ता, फ्लोरेंस और जीन डिक्सन के अनुसार वह महान व्यक्ति जो प्राकृतिक परिवर्तनों भी कर सकता है, वह उत्तर भारत के एक ग्रामीण परिवार का होगा।
28 अगस्त, 1971 को, तुलसीदास जी, जो जय गुरुदेव पंथ के संस्थापक हैं, ने अपनी पुस्तक शाकाहारी पत्रिका में लिखा है की उस महान व्यक्ति ने भारत के एक छोटे से गांव में जन्म ले लिया है।
फिर 7 सितंबर 1971 को जय गुरुदेव जी ने एक और भविष्यवाणी की कि वह अवतार जिसका लोग इंतजार कर रहे हैं वह आज 20 वर्ष का हो चुका है अभी मैं उसका नाम नहीं बताऊंगा और समय का इंतजार करूंगा।
विचार करने योग्य बात----- संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को भारत में हरियाणा के जिला सोनीपत गांव धमाणा में हुआ। उस समय हरियाणा प्रांत पंजाब प्रांत मैंआता था।और 7 सितंबर 1971 को संत रामपाल जी महाराज पूरे 20 वर्ष के हो चुके हैं।
इसके अलावा, इंग्लैंड के भविष्यवक्ता कीरो और फ्रांस के जूलवरन जैसे ज्योतिषियों ने भी भारत में उस महान व्यक्ति की उपस्थिति के बारे में संकेत दिए हैं।
इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो ने यह भी बताया है कि उस संत का जन्म 20 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में, यानी 1950 के बाद, वर्ष 1951 में। संत रामपाल जी का जन्म 8 सितंबर, 1951 को यानि 20 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हुआ।
फ्रांस के महान ज्योतिषी नास्त्रेदमस के अनुसार, वह महान व्यक्ति न तो ईसाई होगा और न ही मुसलमान, वह केवल हिंदू होगा।
और भी बहुत सी भविष्यवाणीयो द्वारा समर्थन किया जा रहा है सिख धर्म की प्रसिद्ध पुस्तक "जनम साखी भाई बाले वाली" में लिखा है कि वह संत एक जाट होगा और उसके ज्ञान के प्रसार का क्षेत्र बरवाला होगा।
बाबा रामदेवरा जी ने भी अपनी भविष्यवाणी में बताया है कि वह संत जो मुक्तिदाता होगा निश्चय ही हरियाणा से होगा और जाट जाति से होगा। और वह सुक्ष्म वेद के साथ चारों वेदों से ज्ञान प्राप्त करके भगवान कबीर की महिमा गाएगा।
इस दुनिया में संत रामपाल जी महाराज एकमात्र संत हैं, जो हिंदू धर्म के जाट समुदाय से हैं। और उनके ज्ञान के प्रसार प्रचार का क्षेत्र सतलोक आश्रम बरवाला है जो हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है। और वह सभी पवित्र पुस्तकों के आधार पर सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है और भगवान कबीर की भक्ति करवाता है जो उनमें वर्णित है।
संतान व पारिवारिक परिवेश :-उस महान व्यक्ति के चार बच्चे होंगे और उसकी माँ तीन बहनें होंगी।
नॉर्वे के श्री आनंदाचार्य ने भी यही बात कही थी, कि वह महान संत एक गृहस्थ व्यक्ति होगा।
यह भविष्यवाणी संत रामपाल जी पर भी सटीक बैठती है।दरअसल संत रामपाल जी की माताएँ तीन बहनें हैं। इंदिरा देवी , लक्ष्मी, व प्यारी गांव दमण खेड़ी है और 6 भाई-बहन। 3 बहनें और 3 भाई है।
संत रामपाल जी के चार बच्चे, दो बेटे और दो बेटियाँ हैं अमेरिका के न्यू जर्सी की ज्योतिषी फ्लोरेंस ने यह भी बताया है कि महान संत (सायरन )गौर वर्ण के होंगे और उनके सिर के बालों का रंग सफेद होगाऔर दाढ़ी या मूंछ नहीं है।
संत रामपाल जी का रंग गोरा है, उनके सिर पर सफेद बाल हैं और वह दाढ़ी या मूंछ नहीं रखते हैं।
एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी करते हुए फ्रांस के नास्त्रेदमस ने कहा था कि पहले लोग उस महान व्यक्ति से घृणा करेंगे, जो उसे देशद्रोही मानेंगे लेकिन बाद में, वास्तविकता और सच्चाई से अवगत होने के बाद, वे उसे बेहद प्यार करेंगें
2014 में संत रामपाल जी के खिलाफ राजद्रोह से संबंधित एक फर्जी मुकदमा बनाया गया था।
कुछ और बातें जो भविष्यवाणियों से प्रकट हुईं, वे अनुयायी हैं-
अमेरिकी ज्योतिषी, श्री एंडरसन के अनुसार, वह महान व्यक्ति 21 वीं सदी में एक मानव जाति, एक भाषा और एक ध्वज के बारे में रूपरेखा प्रस्तुत करेगा।
योगी नारायण जी के अनुसार उस संत की आज्ञा के कारण उसके अनुयाायी शराब, तंबाकू आदि जैसे नशीले पदार्थों को छूने की भी निंदा करेंगे संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों शिष्य नशे को हाथ तक नहीं लगाते करने की तो दूर की बात। और उस संत के अनुयाई आपस में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं करेंगे । आपसी प्यार व शांति से एक साथ रहेंगे।
और वह महापुरुष, अपने अनुयायियों को स्वास उश्वास का मंत्र देगा। वह मंत्र जो सांसों द्वारा किया जाता है और बताएगा। एक परमेश्वर की भक्ति बताएगा और उसी की पूजा बताएगा करवाएगा।
दोस्तों, संत रामपाल जी सांस उश्वास का मंत्र देते है जो विश्व में सिर्फ संत रामपाल जी के पास है और न ही वे जाति, पंथ, नस्ल या धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।।
अमेरिका की भविष्यवक्ता, फ्लोरेंस का कहना है कि
वह संत, अपनी प्रबल धार्मिक विचारधारा के माध्यम से और अपने धर्मी और पराक्रमी अनुयायियों की शक्ति के साथ, अपने नए ज्ञान की चमक को पूरी दुनिया में फैला रहा है।
जूलवरन के अनुसार जो एक फ्रांसीसी ज्योतिषी हैं, भारत से उत्पन्न ज्ञान की आध्यात्मिक क्रांति, नास्तिकता को नष्ट कर देगी और एक अशांत तूफान की तरह पूरी दुनिया को कवर करेगी।
जल्द ही, उस महान भारतीय आध्यात्मिक पुरुष के अनुयायीयों की आत्म-शक्ति के माध्यम से, एक संगठन के रूप में पूरी दुनिया पर प्रभाव स्थापित करेंगे।
मैं (नास्त्रेदमस), इस बात को निर्विवाद रूप से कह रहा हूं कि वह महान व्यक्ति सभी के लिए इस तरह का गहरा ज्ञान प्रदान करेंगे। जो पहले किसी ने नहीं सुनाया।
जिसके बारे में संत रामपाल जी ने कई संतों, गुरुओं, महंतों, आचार्यों, शंकराचार्यों आदि के साथ आध्यात्मिक ज्ञान पर भी चर्चाएं भी की और जिनके ज्ञान को सुनने के बाद सभी गुरुओ आचार्य शंकराचार्य ने एक दिन संत रामपाल जी महाराज के सामने नतमस्तक होना ही पड़ेगा।
0 Comments